Top latest Five हिन्दी कहानी Urban news
Top latest Five हिन्दी कहानी Urban news
Blog Article
hindi kahani story
कहानी कहलाती है। फणीश्वरनाथ 'रेणु' की 'तीसरी कसम” ‘ठुमरी, ‘लाल पान की बेगम, 'रसप्रिया' शैलेश मटियानी की
(एक) काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ़ आ रहा था। एक हाथ में मैली-सी तौलिया से लपेटी हुई भीगी धोती और दूसरे में सुरती की गोलियों की कई डिबियाँ और सुँघनी की एक पुड़िया थी। उस समय दिन के ग्यारह बजे बंग महिला (राजेंद्रबाला घोष)
कहानिकारों ने हिन्दी कहानी कोष की श्रीवृद्धि की, इसलिए हिन्दी कहानी के विकास के केन्द्र में
कहानी दो वातावरणों को केन्द्र में रखकर लिखी जा रही है। प्रथम ग्रामीण वातावरण और
उपेक्षित कृषकों की आवाज थे, पर्दे में कैद, पद-पद लांछित और असहाय नारी जाति की महिमा के जवरदस्त वकील
विवाद है। हिन्दी गद्य की प्रारम्भिक अवधि में मुंशी इंशा अल्ला खाँ ने 'उदय भान चरित्र' या रानी केतकी की
अशिक्षा को दर्शाने वाली कहानियाँ हैं।
(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद
क्रियाशील मानव की भाँति प्रतीत हो। वह उसके द्वारा ऐसे कार्य नहीं करा सकता जो
चेतना लौटने लगी। साँस में गंधक की तरह तेज़ बदबूदार और दम घुटाने वाली हवा भरी हुई थी। कोबायाशी ने महसूस किया कि बम के उस प्राण-घातक धड़ाके की गूँज अभी-भी उसके दिल में धँस रही है। भय अभी-भी उस पर छाया हुआ है। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा है। उसे साँस अमृतलाल नागर
चीनी के खिलौने, पैसे में दो; खेल लो, खिला लो, टूट जाए तो खा लो—पैसे में दो। सुरीली आवाज में यह कहता हुआ खिलौनेवाला एक छोटी-सी घंटी बजा रहा था। उसको आवाज सुनते ही त्रिवेणी बोल, उठी—माँ, पैसा दो, खिलौना लूँगी। आज पैसा नहीं है, बेटी। एक पैसा माँ, हाथ विनोदशंकर व्यास
किया गया है। इस सम्बन्ध में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी कहते हैं -
से कुछ यथार्थवादी कहानियाँ हैं तो कहानियाँ। कुछ आदर्शवादी
शब्दों में- प्रेमचन्द, कौशिक और सुदर्शन, हिन्दी - कहानी